Tuesday, August 13, 2013

यादें ..यादें ..यादें ..

बचपन ऐसी होती है जिसकी यादें हमारे ज़हन से हमारी आखरी सांस तक नहीं मिटती. कुछ अच्छी कुछ प्यारी कुछ मीठी कुछ खट्टी कुछ कड़वी यादें याद आती हैं. ये यादें किसी दिलो जाने के जाने के बाद आती है. .. यादें यादें ...  बहुत कोशिश करने पर भी इन् यादों को लफ्जों में बयां नहीं किया जा सकता.. बहुत खुश थी उस दिन वो लड़की उसके बड़े अच्छे अच्छे दोस्त बन गए थे. दिन गुज़रते जा रहे थे और वो लड़की लड़की भी बड़ी होती जा रही थी. गर्मी की मौसम थी शाम का वक़्त था. आज उसके पापा बहार डिनर पर ले जाने वाले थे. अब ये लड़की और इसकी मम्मी शाम से इसी की तयारी में लगे थे की कौन से कपडे पहन कर जाए. अब वो घड़ी आ गयी सब तयार होकर निकल रहे थे ये लड़की बहुत प्यारी लग रही थी रेड कलर का टॉप और रेड और वाइट कलर के स्कर्ट और रेड कलर की प्यारी सी जूती साथ ही बालो में रेड कलर के क्लिप. मानो परी आज ज़मीन पर उतर गयी होगई हो. सब  रेस्टुरेंट पहुच गए बहुत बड़ी रेस्टुरेंट थी. बहुत सरे लोग पहले से ही बैठे थे. इसके पापा ने साइड वाली टेबल पर बैठने को कहा. 

वेटर मेनू लेकर आया और इसके पापा ऑडर दे ही रहे थे की इस लड़की को इसका एक फ्रेंड मिल गया जो अपनी फैमली के साथ डिनर के लिए आया हुआ था और वो लोग डिनर कर रहे थे पहले से ही. इसके पापा ने अपने और इसकी मम्मी के लिए खाना आर्डर दिया और फिर इससे भी पूछा उन्होंने की तुम भी यही लोगी या कुछ और खाना है इसने कहा मैं तो चाउमिंग और पनीर चीली लुंगी.. खाना आने से पहले स्टार्टर तो आ गया और तीनो ने खाना शुरू किया..लेकिन ये लड़की की नजर बार बार अपने दोस्त पर जा रही थी और वो भी रुक रुक कर बार बार इसी को देख रहा था. इससे बड़ा अजीब सा लग रहा था इसे कुछ खाया ही नहीं जा रहा था. वो इसका दोस्त अपने क्लास का सबसे हैण्डसम लड़का था. दोनों लगातार एक दुसरे को बस देखते ही जा रहे थे. इसके पापा इससे कुछ कह रहे थे लेकिन इसके कान में मानो अजीब सी घंटी बज रही थी. इससे कुछ भी सुनायी नहीं दे रहा था की इसके पापा क्या कह रहे थे 

खाना हो गया अब खाने के बाद मीठा का आर्डर किया गया क्योंकि इसके पापा को मालूम था की इस लड़की का खाना मीठा के बगैर अधुरा होता है ,और इस लड़की को मीठा बहुत पसंद है . इसके पसंद की रसमलाई आई सबके लिए..उतने में वो लड़का उठकर  इसके  पास आकर इसे हाई किया. ये तो हैरान हो गयी की अब क्या कहे बस अपने पापा को देखने लगी. तो वो लड़का इसके पापा मम्मी को देख कर कहा नमस्ते अंकल नमस्ते आंटी हम दोनों क्लास मेट है स्कूल में साथ पढ़ते है... और फिर उसने कहा में भी अपनी फॅमिली के साथ डिनर के लिए आया हूँ .. इस लड़की के पापा ने कहा की आओ बैठो हमारे साथ मीठा खाओ तो बोला नै अंकल हमारा खाना हो गया बहुत खा लिया मैंने अब नहीं खा पाउँगा. तभी उस लड़के क पापा पीछे से आये उसे देखा और कहा कौन है क्या हुआ ? तो उसने कहा पापा हम क्लास मेट है साथ स्कूल में पढ़ते है ..और ये इसके पापा है और ये इसकी मम्मी .. सबने एक दुसरे हो नमस्ते किया , और फिर उस लड़के क पापा ने इन् लोगो को अपने साथ ज्वाइन करने को कहा पर उस लड़की के पापा ने मन किया लेकिन उस लड़के के पापा ने बहुत फाॅर्स किया.. अंत में इस लड़की के पापा तैयार हो गए. अब दोनों फॅमिली एक साथ बैठे है, और ये दोनों एक दुसरे को लगातार बस देखते ही जा रहे है बस. और दोनों के पेरेंट्स एक दुसरे से बात कर अपनी पहचान बढ़ा रहे थे.

सभी का खाना हो गया डिनर पूरा हुआ सब अपने घर लौटने को तैयार हो गए. इस लड़की के बहार आकर गाड़ी ठीक कर रहे थे तभी उस लड़के के पापा ने कहा आप लोग हमारे साथ आओ हम आप लोगो घर तक ड्राप कर देते है. इस लड़की के पापा ने मना किया कई बार. लेकिन फिर मान गए.. वो लोग इन् लोगो को घर तक ड्राप किया. ये दोनों एक दुसरे क पास बैठे थे. साथ ही लगातार एक दुसरे को देख रहा थे, घर आ गया सबने एक दुसरे को गुडनाईट कहा...घर आने के बाद सब ड्राइंग हाल में बैठे थे इस लड़की के पापा ने कहा अच्छी फॅमिली थी अच्छा लड़का था..अब तो इतना सुनकर कर इस लड़की की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं था, वो अपने रूम में गयी और अकेले गाना गा कर डांस करने लगी.. उस दिन इस लड़की के ख़ुशी का  ठिकाना नहीं था मानो दुनिया की हर ख़ुशी इसको मिल गयी हो.

तभी हर दिन की तरह इसकी मम्मी आई और बोली कल स्कूल जाना है न बहुत रात हो गयी है जाकर सो जाओ. अब स्कूल का नाम सुन कर इसे सुबह का इंतजार होने लगा. इसने रात को अपनी बेस्ट  फ्रेंड को तुरंत फ़ोन करके उसे सारी बातें बताई. ..और एक नयी सुबह का इंतजार फिर से ...

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