Sunday, August 5, 2012

एक सच बचपन का ..

भाग - ३
दूसरा  दिन स्कूल का :  वह लड़की स्कूल गयी लेकिन उसने इंग्लिश का होमवर्क नहीं किया था. वो अपनी टीचर  के  पास गयी और कहा मैम मुझे कर्सिव राईटिंग नहीं आती है तो उसकी टीचर ने उसे खूब डाटा और कहा तुमने कल ये बात मुझसे क्यों नहीं कही  फिर टीचर ने उसकी  कॉपी में लिख  कर दिया  a to z .. और फिर ब्लैक बोर्ड पर लिख कर सभी बच्चो को बताया .
उस दिन नए दोस्तों के साथ उस लड़की ने बड़ा मज़ा किया.  सारे  टीचर से  बच्चे मिल ही चुके थे लकिन एक टीचर बाकी थी social studies की वो छुट्टी पर थी.. दिन बीतते गए उस लड़की के कुछ अच्छे दोस्त बन गए थे एक का नाम अभिलाषा था और एक का अमन और तीसरे का अजय था नेहा भी उसकी अच्छी दोस्त थी लकिन वो हमेशा सबसे अलग अलग रहती...
एक दिन की बात है social studies की टीचर बहुत सख्त थी वो हमेशा क्लास में पढाने के बाद उसका टेस्ट लेती oral और written दोनों में..सरे बच्चो को oral टेस्ट में बहुत डर  लगता और सबसे ज्यादा तो इस लड़की को आता सब कुछ पढ़ कर भी आती लेकिन जब टीचर सवाल करती तो सब भूल जाती और याद भी रहता तो डर के मरे चुप हो जाती कोई भी सवाल के जवाब नहीं दे पाती..... हर बार उसकी टीचर उसको डाटा करती .. इस बात से परेशान रहती वो हर दिन......एक बार की बात है ये टीचर ने सरप्राईज  टेस्ट ले लिया सारे बच्चो की बुरी हालत हो गई लकिन जो पढने में तेज थे उन्हें तो कोई प्रॉब्लम नहीं हुआ लेकिन जो पढने में थोड़े कमजोर थे वो तो डर गए ये लड़की और इसके  साथ साथ इसके दोस्त सबकी हालत ख़राब की अब क्या होगा टेस्ट हो गया सब एक साथ ही आगे पीछे करके बैठत्ते थे तो एक दुसरे से पुछ पुछ कर जितना आता था सबने लिख डाला लेकिन  इन्हें तो पता नहीं था की एक जैसा लिखने से टीचर को पता चल जायेगा....टेस्ट तो हो  गया ख़त्म और सब ये सोच कर खुश थे की बिना रिविजन  किये टेस्ट अच्छा गया......
तीन दिन बाद......रिजल्ट आ गया इन् चारो दोस्तों को टीचर ने एक साथ बुलाया अपने पास और कहा तुम सबने सारे जवाब एक जैसे दिए है एक जगह पर ही सबने गलती की है इसका मतलब है सबने एक दुसरे की नक़ल क्र टेस्ट दिया है? सब चुप थे किसी ने कुछ नहीं कहा टीचर ने पुनिश्मेंट दिया उन् लोगो को और सबकी सीट चेंज कर दी सब को अलग अलग बैठा दिया और सभी को कहा अपने कॉपी में परेंट्स का सिग्नेचर करवा कर दुसरे दिन लाने को ये सारे बच्चे बहुत उदास हो गए.... टीफिन के समय ईकठे सबने सोचा की अब क्या करे सभी को घर में टेस्ट कॉपी दिखने पर बहुत डाट पड़ेगी लकिन दिखाना तो था ही सभी को....पूरा दिन बीत गया सब चुटी में अपने अपने घर चले गए.... ये लड़की घर पहुची सोचा इसने की जाते के साथ घर पर अपनी माँ को सब कुछ साफ़ साफ़ बता देंगे.... लकिन घर पहुची तो इसके पापा भी घर पर ही थे इसने सोचा की जा क्र टेस्ट कॉपी दिखा दूँ जैसे ही अपने बैग से कॉपी निकल के दिखलाने जाती है तो अपने माता पीता की बात सुनती है दोनों इसी के पढाई को लेकर बहुत परेशान थे उसने ये बात सुनी तो उसे हिम्मत नहीं हुई कॉपी दिखलाने की... फिर उसने खाना खाया  और स्कूल का सारा होमवर्क किया और सारा दिन यही सोचती रही की अब क्या करे शाम हो गया रात हो गई लकिन वो अब तक नहीं दिखा पाई भगवान से उसने प्राथना की कि कुछ ऐसा करे की सब ठीक हो जाए और फिर यही सोचते सोचते सो गई....... सुबह हुई उसने सोचा कि अब तो कोई रास्ता नहीं बताना तो होगा ही... वह गई अपनी माँ को बताने ये बात तो उसकी माँ ने कहा की देखो इस स्कूल में अच्छे से पढना तम्हारे पापा तुम्हारे पढाई को लेकर बहुत परेशान है उसने साडी बात सुन्न ली लकिन जो बताने आई थी नहीं बता पाई उसने कहा माँ मेरे पेट में बहुत दर्द है तो उसकी माँ परेशान हो गई और कहा ठीक
है आज स्कूल मत जाओ तुम्हारा तबियत ठीक नहीं है तो........
 
आज का दिन तो उसने टाल  दिया ये बहाना बना कर लकिन अगले दिन क्या होगा कैसे बताएगी ये लड़की अपने घर पर सबको ये बात सब पहले ही नाराज है परेशान है इसके घर वाले इसके पढाई को लेकर अब ये घर पर तो रह गई स्कूल न जाकर इसने क्या गलती कर दी ये बात इसके मन को परेशान करने लगा एक तो ये बताना इस टेस्ट के बारे में और ऊपर से झूट बोलकर स्कूल न जाना अकेले बैठ क्र इस बारे में सोच ही रही थी की क्या करे इसके पिता आए और इससे कहा देखो ये एक बहुत अच्छा स्कूल है यहाँ मनन लगा क्र पढो तो तम्हे भी सब बच्चो की तरह बहुत अच्छे मार्क्स आयेंगे और जहाँ समझ में नहीं आता कुछ तो बताओ हम समझाते है तम्हे या बोलो तो एक टीचर रख दूँ वो घर पर आ कर पढाएगा बताओ उसने कुछ भी नहीं कहा और उसके पिता ने कहा देखो सिर्फ पढाई में मन लगाओ ये पेंटिंग ये सब करने की जरुरत नहीं पढाई ठीक हो जायेगा  
तो ये सब का कोई मतलब नहीं है समझी ...इसने कुछ नहीं कहा ये बहुत दुखी हुई ये जान कर की पेंटिंग करने को इसके पिता ने मन किया है अब ये और भी उदास हो गई इसके पिता ऑफिस को चले गए और माँ घर के कामो में लगी थी अकेले ये लड़की खूब रोई बैठ कर और रोते रोते सो गई........
"अगला दिन ...सुबह सुबह इसने स्कूल जाने वक़्त अपना टेस्ट कॉपी दिखाया अपने पिता को और कहा पापा इस टीचर ने कहा है आपको सिग्नेचर करने टीचर ने कहा है पिता ने इतने कम मार्क्स देखकर इससे खूब डाटा और कहा तुम चोरी भी करने लगी यही सिखाया है हमने तुम्हे अभी तुम्हारे टीचर से चल कर स्कूल बात करते है कैसे कैसे दोस्त बना लिया है तुमने और फिर उसके पिता ने एक थ्प्पढ़ मारा उसे " 
अचानक उसकी आख खुल गई और देखा की अभी तो दिन है और वो सपना देख रही थी ....
 
अब ये लड़की कैसे बताती है घर में अपने इस टेस्ट के बारे में वो जानने के लिए आगे की पोस्ट का इंतजार करे ...अगला पोस्ट जल्दी ही होगा इस बार की तरह नहीं कुछ कारणों की वजह से काफी समय बाद मैंने ये पोस्ट किया ...

4 comments:

  1. ह्म्म्म...समझ रहे हैं लड़की :) :)

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  2. क्या समझ रहे हो तुम ?

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  3. Sach kbhi chhipana nahi chahiye. Kyoki ek sach ko chhipane ke liye hazaron jhuth bolna hota hai phir bhi sach kabhi chhupta nahi.
    Kyon na hum sach bolkar samay aur jindagi dono ko barbad hone se bacha le.
    Your's
    Gautam gupta
    gautam.gupta71@gmail.com

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  4. This comment has been removed by the author.

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